सुनो!!
आज मुझे अचानक तुम नज़र आ गई
तुम जो अब विरले ही नज़र आती हो
तुम अपने पार्टनर के पीछे हौले-हौले आंचल को एक ख़ास अदा से संवारती संभालती
तुम कभी नीचे सड़क को निहारती ताकि ठोकरों से बचा जा सके
तुम, जिसके कदम ठहर ठहर कर उठते
कि कहीं गिर न जाएं टकरा न जाएं
तुम जो खो गयी हो जाने किस जद्दोजहद में
कोई तो वजह होगी तुम्हारे गुम हो जाने की
कोई तो वजह होगी तुम्हारी ख्वाहिशों के बदल जाने की
शायद किसी दिन किसी मूर्तिकार के हाथों तुम पत्थर में बदल जाओगी और किसी म्यूजियम में रख दी जाओगी
या फिर सभ्यता के नष्ट हो जाने पर
खुदाई में निकल कर आओगी और किसी पुरानी लिपि की तरह कभी पहचानी नहीं जाओगी!!
तुम जो आज अचानक नज़र आ गई!!!
मश
अगस्त 2020
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