Friday, February 5, 2021

सुनो!!

सुनो!!
शहर...
मैंने ही देखे थे सुविधाओं के ख़्वाब,
चौड़ी और चिकनी सड़कें,
अट्टालिकाएं, बाज़ार,
सरपट भागती चमचमाती गाड़ियां,
और भी बहुत कुछ ज़िंदगी को
ख़ूबसूरत बनाने के सामान!
फिर मैं क्यों उकता गया हूं!!
मुझे चाहिए साफ हवा,
हरे पेड़
जंगल
नीला आसमां
टिमटिमाते तारे
जुगनू
बीरबहूटी
इकहरे मकान
और वह सब कुछ जो गुम हो गया है...
क्या तुम लौटा सकते हो वह सब कुछ!!
मश

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