सुनो!!
मैंने ख़रीद लिए थे दो छोटे तिरंगे
कल रात ही दस -दस रूपए के,
और चिट्टे श्वेत दो जोड़ी कपड़े भी
तैयार कर लिए थे अपने लिए,
देशभक्ति गीत पुराने नये भी सुन
ही रहा हूं सुबह से,
गणतंत्र मय हो गया हूं एक बार फिर,
उत्सव मय हो गया हूं एक बार फिर,
आह्लादित हूं !!
भर आया हूं देशभक्ति से!!
मगर इसके आगे भी जाना चाहता हूं मैं,
हर गणतंत्र में,सोच रहा हूं...
सिर्फ़ यहीं क्यों रूक जाता हूं मैं!!!
मश
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