World Poetry Day
सामान और सम्मान
सुनो!!
मेरे पास है,
थोड़ी सी धूप,
छांव थोड़ी सी,
रात थोड़ी,
पेड़, पहाड़, चांद थोड़ा- सा,
दूसरों के ग़म और खुशियां थोड़ी,
बारिश और हवाएं थोड़ी,
थोड़ी सी हंसी और कभी आंसू भी थोड़े से,
ये सारे के सारे हैं कविता के सामान मेरे पास!
कितना समृद्ध महसूस करता हूं मैं,
जब चाहे जहां चाहे बस इनमें से
लेकर थोड़ा - सा सामान गढ़ लेता हूं
मैं एक कविता!
इस सामान से बढ़कर मेरे लिए
क्या होगा कोई सम्मान!!
मश
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