Saturday, November 14, 2020

प्रकाश पर्व

सुनो!!

कितना प्रकाश है बाहर!
मुझे  अपने अंदर भी उतारना है ,
थोड़ा सा प्रकाश!
कि अंदर का अंधेरा मिट जाए!

कितना उत्सव है बाहर!
मुझे अपने अंदर भी उतारना है ,
थोड़ा सा उत्सव!
कि अंदर का विषाद मिट जाए!

कितना सौंदर्य है बाहर!
मुझे अपने अंदर भी उतारना है ,
थोड़ा सा सौंदर्य!
कि अंदर का मालिन्य मिट जाए!!
मश

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