Friday, December 10, 2021

सुनो!!

जुगराफ़िया...
सुनो!
मेरा और तुम्हारा जुगराफ़िया अलग अलग है
तुम्हारे जुगराफ़िया में अनंत संभावनाएं हैं
तुम एक किल्क में दुनिया नाप लेते हो
और मैं!
मैं एक कदम चलता हूं
और नज़रें जितनी दूर तक जाती हैं वहां तक सब देख लेना चाहता हूं
तुम्हारे जुगराफ़िया में ख़ूबसूरती  और स्थिरता है
और मेरे जुगराफ़िया में ख़ूबसूरती और जीवन है
तुम्हारे जुगराफ़िया में सब कुछ साफ़ और सुंदर है
मेरे जुगराफ़िया में थोड़ा सा सूफ़ियाना है
मेरे जुगराफिया में ख़ुशबू है
और तुम्हारे जुगराफिया में ख़ुशबू नदारद है
तुम्हारा जुगराफ़िया तुम्हारे 10 बाई12 के कमरे से बाहिर नहीं आ या कभी
और मेरा जुगराफ़िया किसी कमरे में सिमट न पाया कभी...
नहीं नहीं मुझे कोई शिकवा नहीं है
मैं तो बस कहना चाहता हूं
कि मेरा और तुम्हारा जुगराफ़िया
अलग अलग है!!
ममता